मिडिया में सवर्ण एंकरों का भी क्या कहना है जब मुस्लिम और दलित अपराधियों के बारे में बोलते है तो खौलते खून और कड़वाहट के साथ ज़ोर ज़ोर चिल्ला चिल्ला कर आतंकवादी और नक्सलवादी आदि सम्बोधन से लानत देते है वही ब्राम्हण और अन्य सवर्ण अपराधियों के बारे उनका खून कभी खौलता नहीं दीखता, ये कैसा पक्षपाती चौथा स्तम्भ है l