II हमारे 20 जवानों की शहादत पर II
घात लगाए बैठे है
रोज़ शहादत के सिपाही तिरंगे में लिपटे देशभक्ति का जज़्बा दिखाते है
सरहदे विस्तार में ये कैसी जंग है छिड़ी हुई लोग मरते गए ज़मी वही है
लोग चाहे इधर मरे चाहे मरे उधर पर गोद तो उजड़ती ममता की है
बच्चे अनाथ बीबी बेवा दो दिन की संवेदनाए फिर कोई न ले सूद इनकी है
देशभक्ति में न्यौछावर शहीद सिपाही, एसी में बैठे नेता वादा करते खिलाफ़ी है
बदला लेंगे बदला लेंगे श्लोगन पर श्लोगन मात्र बदला कभी लिया नहीं है
कुर्सी अपनी बचाने की खातिर लोगो के जज़्बातों से खेलना इनकी फिरत है
ऐसे नक्कारों से उम्मीद लगाना शहीदों के प्रति कृतघ्न का परिचायक है
राजेश लाख