Wednesday, March 23, 2022

राजनितिक सांड

 जिसकी लाठी उसकी भैस बीजेपी सरकार के लिए सटीक कहावत है 

एक सांड ने आठ पहरेदारो को मार डाला और फरार  हो गया 
चुंकि यह सांड पाला हुआ था तो सारे चौराहोने ने उसे बचाने की कोशिशे की 
क्यूंकि पकड़ा जाता है तो सारे चौराहो की पोल भी कुल जाते है 
सारे चौराहो की रातो की नींद उड़ गई काफ़ी मंथन के बाद कुछ तय हुआ 
कि चलो उस सांड के साथियों को पकड़कर काट  डालते है 
साथियों को काटने के बाद वाह सांड शिव आराधना में मिलता है 
उसे पढ़कर लाया जाता है,  अब तो चौराहो की समस्या ओर बढ़ जाती है 
अगर मामला पंचायत तक गया तो ये हमारे सारे राज़ खोल देगा 
दूसरे दी बड़ी चतुराई से ये चौराहे उस सांड को मर डालते है 
न रहेगा बांस न बजेगी बासुरी,  चौराहे अब चैन की सांस लेते है 
पंचायत में जो बहोत भैस चर्चा होंगी देखि जाएगी पंचायत भी तो अपनी ही है 



कल तक जहाँ हरेक चैनल पर विकास दूबे का सम्बन्ध विपक्षी पार्टियों से जोड़ा जा रहा था 
सत्ता पक्ष हर संभव प्रयास करता कि विकास दुबे सुरक्षित ओर महफूज़ रहे ताकि विपक्षियों की  पोल खुल जाए 
पर ये क्या 10 जुलाई की सुबह विकास दुबे के एनकाउंटर की खबर दिखाई जाती है 
मज़े की बात यह है की कुल 71 मामलों में नामजद मुजरिम कानपुर वारदात तक इन्ही की सरपरस्ती में  रहा है 
उसके अंत से कई राज़ दफन हो गए ओर यह साबित हो गया की राजनेता सबसे बड़े गुंडे होते है