जिसकी लाठी उसकी भैस बीजेपी सरकार के लिए सटीक कहावत है
एक सांड ने आठ पहरेदारो को मार डाला और फरार हो गया
चुंकि यह सांड पाला हुआ था तो सारे चौराहोने ने उसे बचाने की कोशिशे की
क्यूंकि पकड़ा जाता है तो सारे चौराहो की पोल भी कुल जाते है
सारे चौराहो की रातो की नींद उड़ गई काफ़ी मंथन के बाद कुछ तय हुआ
कि चलो उस सांड के साथियों को पकड़कर काट डालते है
साथियों को काटने के बाद वाह सांड शिव आराधना में मिलता है
उसे पढ़कर लाया जाता है, अब तो चौराहो की समस्या ओर बढ़ जाती है
अगर मामला पंचायत तक गया तो ये हमारे सारे राज़ खोल देगा
दूसरे दी बड़ी चतुराई से ये चौराहे उस सांड को मर डालते है
न रहेगा बांस न बजेगी बासुरी, चौराहे अब चैन की सांस लेते है
पंचायत में जो बहोत भैस चर्चा होंगी देखि जाएगी पंचायत भी तो अपनी ही है
कल तक जहाँ हरेक चैनल पर विकास दूबे का सम्बन्ध विपक्षी पार्टियों से जोड़ा जा रहा था
सत्ता पक्ष हर संभव प्रयास करता कि विकास दुबे सुरक्षित ओर महफूज़ रहे ताकि विपक्षियों की पोल खुल जाए
पर ये क्या 10 जुलाई की सुबह विकास दुबे के एनकाउंटर की खबर दिखाई जाती है
मज़े की बात यह है की कुल 71 मामलों में नामजद मुजरिम कानपुर वारदात तक इन्ही की सरपरस्ती में रहा है
उसके अंत से कई राज़ दफन हो गए ओर यह साबित हो गया की राजनेता सबसे बड़े गुंडे होते है